ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह सभी ग्रहो में सबसे धीमी गति से चलते है | इसी वजह से उन्हें शनैः चर कहा गया है, जो कि धीरे धीरे लोगो ने शनिचर में बदल दिया, जो कि अशुभ का प्रतीक माना जाता है | ज्योतिष में बताया गया है कि शनि एक राशि में दोबारा आने के लिए 30 वर्षो का समय लेते है | वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र राशि से जब शनि 12 वे पहले और दूसरे भाव में होते है, तो उस समय को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है |
वर्ष 2021 में शनि
वर्ष 2021 में शनि मकर राशि में रहेंगे | ये मकर राशि में 18 जनवरी 2023 तक रहेंगे | बता दे मकर राशि शनिदेव की स्वराशि है | पता हो कि इससे पहले शनिदेव ने 24 जनवरी 2020 को धनु राशि से निकल मकर राशि में प्रवेश किया था | इसके बाद वे 11 मई 2020 को वक्री हो गए थे, फिर कुछ दिनों बाद 29 सितंबर 2020 को मकर राशि में भ्रमण करते हुए मार्गी हुए थे | साल 2021 में शनि एक बार फिर से 23 मई 2021 को वक्री होंगे और 11 अक्तूबर 2021 को मार्गी होंगे | इसके बाद 2022 को मकर राशि का यात्रा खत्म करके अपनी दूसरी राशि कुंभ में आ जाएंगे | कुंभ में ये 5 जून 2022 को वक्री और 23 अक्तूबर 2022 को मार्गी होंगे | शनिदेव 17 जनवरी 2023 को मकर राशि में शनि की अवधि पूरी हो जाएगी | वर्ष 2021 में शनि मकर राशि में रहेगे, मकर राशि में शनिदेव 18 जनवरी 2023 तक रहेंगे | इस बीच 30 अप्रैल 2022 से 9 जुलाई 2022 तक कुम्भ राशि में गोचर करेंगे |
क्या है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
जब शनि किसी राशि में प्रवेश करते है, तो ये गोचर कहलाता है | शनि किसी भी राशि में ढाई साल तक रहते है, इसके पश्चात् ही शनि अपनी राशि परिवर्तन करते है | ज्योतिष में बताया गया है कि जब शनि चंद्र राशि से 12वें, पहले और द्वितीय भाव से निकलते है, तो उस अवधि को साढ़ेसाती कहा जाता है | इसके अलावा जब शनि किसी राशि से चौथे और आंठवे भाव में रहते है, तो उसे ढैय्या कहा जाता है |
2021 में इन 3 राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती
जानकारी के लिए बता दे शनि कुम्भ और मकर राशि के स्वामी है और इस समय शनि मकर राशि में है और पुरे वर्ष इसी में रहेंगे | ऐसे में धनु, मकर और कुम्भ राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहने वाली है | गणना के अनुसार धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती तीसरे दौर में रहेगी, वहीँ मकर और कुम्भ पर पहले दौर में रहेगी |
इन राशियों पर रहेगी ढैय्या
जब शनि किसी राशि से चौथे और आंठवे भाव में रहते है, तो उसे ढैय्या कहा जाता है | ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस वर्ष मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या रहेगी |